बाघल टुडे (ब्यूरो):- प्रदेश के ऐसे स्कूल जहां कम्प्यूटर प्रवक्ता संघ के पद खाली भी है वहां पर विभाग इनकी नियुक्ति नहीं कर रहा है। कारण यह है कि खाली पदों वाले स्कूलों में पहले से ही आउटसोर्स पर नियुक्त आईटी शिक्षक नौकरी कर रहे हैं और वे कम्प्यूटर प्रवक्ता की पोस्ट भरने का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग भी इस मामले में क्लीयर आदेश जारी नहीं कर रहा है। प्रदेश कम्प्यूटर साइंस प्रवक्ता संघ के प्रधान घनश्याम का कहना है कि आईटी शिक्षकों को आउटसोर्स आधार पर स्कूलों में रखा गया है। आईटी शिक्षकों द्वारा यह कहा जा रहा है कि प्रवक्ता कम्प्यूटर विज्ञान को उन स्कूलों में ट्रांसफर न किया जाए जहां आईटी शिक्षक नियुक्त है। सरकारी स्कूलों में नियुक्त आउटसोर्स आधार पर आईटी शिक्षक कम्प्यूटर प्रवक्ताओं के समकक्ष नहीं है। इसलिए कम्प्यूटर प्रवक्ता अपने पोस्ट के ऊपर पर कहीं भी ट्रांसफर होने के पात्र हैं।
इस संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा पहले ही स्पष्ट कर दिया गया है । इसलिए इस तरह की भ्रांतियां फैलाना कि जहां आईटी शिक्षक नियुक्त है वहां प्रवक्ता कम्प्यूटर विज्ञान नहीं जा सकते यह अपने आप में हास्यास्पद है। आईटी शिक्षकों द्वारा ट्रांसफर से संबंधित 2014 की जिस अधिसूचना की बात की जा रही है वह केवल कम्प्यूटर प्रवक्ताओं की नई नियुक्ति के समय की अधिसूचना थी। वर्तमान समय में शिक्षा विभाग में नई नियुक्ति कम्प्यूटर प्रवक्ताओं की नहीं हो रही है। ऐसे में यह अधिसूचना अपनी शब्दावली अनुरूप स्वत: ही रद्द हो जाती है। इस मामले में आउटसोर्स आईटी शिक्षक, सरकार व विभाग को केवल गुमराह कर रहे हैं, जो कि न्यायोचित नहीं है।