बाघल टुडे (ब्यूरो):- लोक निर्माण विभाग में ठेकेदारों के 408 करोड़ रुपए की देनदारी फंस गई है। साल ही पहली तिमाही के इस भुगतान पर विभाग ने राज्य सरकार को फाइल भेजी है। इस फाइल में प्रदेश भर के उन ठेकेदारों का हिसाब है, जिनका भुगतान विभाग को करना है। भुगतान के फंसने का असर अब विभाग के कामों पर भी दिखाई दे रहा है। जिन ठेकेदारों के पैसे फंसे हैं, उनके पास विभाग के कई दूसरे बड़े काम भी हैं। अब वे इन कामों को पूरा करने से भी कतराने लगे हैं। गौरतलब है कि लोक निर्माण विभाग को कार्य पूरा होने के एवज में ठेकेदारों को भुगतान करना था।इस भुगतान से संबंधित फाइल प्रदेश सरकार को भेजी गई थी, लेकिन यह फाइल विभाग को तिमाही के आधार पर भुगतान की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश देने के बाद वापस भेज दी गई थी। विभाग ने दोबारा से मार्च तक प्रदेश भर में हुए कामों का हिसाब तैयार किया और इन कामों को जिन ठेकेदारों के माध्यम से पूरा किया गया, उनका क्रम बार हिसाब तय करने के बाद दोबारा से प्रदेश सरकार को भेज दिया है। यह फाइल एक बार फिर प्रदेश सरकार के पास ही है। अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को राय देनी है और उसके बाद ही ठेकेदारों का भुगतान हो पाएगा। फिलहाल, इस भुगतान के फंसने की वजह से ठेकेदार खासे नाराज चल रहे है ।
भाजपा ने पहले काम करवाया, फिर टेंडर बांटे
लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने ठेकेदारों के भुगतान न होने की ठीकरा भाजपा के सिर फोड़ दिया है। उन्होंने कहा है कि विभाग वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए टेंडर प्रक्रिया पूरा कर रहा है। पूर्व सरकार ने बिना बजट का प्रावधान किए काम करवा दिए। काम पूरा होने के बाद उनके टेंडर करवाए गए। ऐसे में ठेकेदारों के भुगतान फंसे हैं, लेकिन मौजूदा सरकार ने इस व्यवस्था को बदल दिया है। अब लोक निर्माण विभाग में वे ही टेंडर हो रहे हैं, जिनके लिए भुगतान की व्यवस्था है।