बाघल टुडे (ब्यूरो):- हिमाचल में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनाव होंगे या नहीं, इस बारे में सोमवार को सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट पर होगी। शनिवार को निर्वाचन आयोग ने अपनी प्रेस वार्ता में लोकसभा चुनाव के साथ हिमाचल की उन छह सीटों के लिए भी चुनाव शेड्यूल घोषित कर दिया है, जिनके कांग्रेस विधायकों को स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने डिसक्वालिफाई कर दिया था। इस शेड्यूल के अनुसार हिमाचल में उपचुनाव तय हैं, लेकिन इस पूरे मामले में एक ट्विस्ट भी है। पूरे देश में लोकसभा चुनाव का कोड ऑफ कंडक्ट बेशक लग गया हो, लेकिन हिमाचल में अंतिम चरण में चुनाव है। इसीलिए चुनाव की अधिसूचना सात मई, 2024 से शुरू होगी। इसलिए चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत भी इसी तारीख से होगी। कानूनी विशेषज्ञ कह रहे हैं कि इससे पहले यदि सुप्रीम कोर्ट डिसक्वालिफिकेशन पर फैसला दे दे, तो उपचुनाव की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसी फीडबैक को देखते हुए हिमाचल भाजपा भी अभी उपचुनाव को लेकर वेट एंड वॉच की स्थिति में है।
कांग्रेस के ये छह बागी विधायक स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए हैं। यह केस जस्टिस संजीव खन्ना की खंडपीठ में लगा था और कोर्ट ने पूछा था कि ये विधायक सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आए, हाई कोर्ट क्यों नहीं गए? इन विधायकों की ओर से जवाब एडवोकेट सत्यपाल जैन ने दिया था और उसके बाद 18 मार्च को सुनवाई के लिए खंडपीठ ने तारीख तय की थी। बागी विधायकों की तरफ से नामी वकील हरीश साल्वे पहली सुनवाई में पेश नहीं हो पाए थे।