बाघल टुडे (अर्की):- उपमण्डल अर्की घनागुघाट के समीप कावग गांव की प्रतिभाशाली बेटी मनीषा ने अपने बहुआयामी कौशल से समूचे क्षेत्र और विद्यालय का नाम राष्ट्रीय पटल पर रोशन किया है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय घनागुघाट की कक्षा 12वीं की छात्रा मनीषा न केवल संगीत, लेखन और सांस्कृतिक मंचों पर सक्रिय रही हैं, बल्कि हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय सृजनात्मक लेखन प्रतियोगिता में देशभर में द्वितीय स्थान प्राप्त कर हिमाचल प्रदेश को गौरवान्वित किया है।
मात्र 17 वर्ष की आयु में मनीषा ने जिन उपलब्धियों को हासिल किया है, वह हर छात्र-छात्रा के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं। मनीषा को कविता लेखन के साथ साथ गायन व वादन की गहन समझ है और उनकी संगीतमय प्रस्तुतियाँ न केवल विद्यालय बल्कि स्थानीय मेले एवं कार्यक्रमों में भी लोगों को मंत्रमुग्ध कर चुकी हैं। उनके मधुर स्वर और तबला वादन ने हर वर्ग के श्रोता को प्रभावित किया है। संगीत के साथ-साथ लेखन क्षेत्र में भी मनीषा का योगदान उल्लेखनीय है। उनकी कविताएं, विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के संकलनों में प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी लेखनी में भावनात्मक गहराई, सामाजिक चेतना और युवा दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है।
विद्यालय के अंग्रेज़ी प्रवक्ता पुष्पेंद्र कौशिक ने बताया कि इस राष्ट्रीय स्तर की सृजनात्मक लेखन प्रतियोगिता में विद्यालय के कुल 56 विद्यार्थियों ने भाग लिया,जो कि किसी एक विद्यालय से सर्वाधिक सहभागिता का रिकॉर्ड है। यह पूरे विद्यालय परिवार के लिए गर्व की बात हैl उन्होंने कहा कि मनीषा एक बहुमुखी प्रतिभा की धनी छात्रा हैं, जिसने विभिन्न मंचों पर विद्यालय का नाम रोशन किया है। वह निश्चित ही अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
हिंदी प्रवक्ता सुनीता ठाकुर ने कहा कि मनीषा की रचनाएँ जीवन की सच्चाइयों और संवेदनाओं को सरल शब्दों में अभिव्यक्त करती हैं। उनकी लेखनी में एक अलग ही आत्मीयता है, जो पाठक के मन को छू जाती है। ऐसे विद्यार्थियों को मंच मिलना साहित्य और समाज दोनों के लिए सुखद संकेत है।
विद्यालय के प्रधानाचार्य अजय शर्मा ने मनीषा को बधाई देते हुए कहा, “यह उपलब्धि विद्यालय ही नहीं, अपितु पूरे क्षेत्र के लिए गौरव का विषय है। मनीषा जैसी छात्राएं समाज के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करती हैं। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूँ और आशा करता हूँ कि वे भविष्य में भी इसी तरह अपने माता पिता और विद्यालय का नाम रोशन करती रहेगी l
मनीषा ने इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता पिता, गुरुजनों को और विशेष तौर पर अपने अंग्रेजी के शिक्षक पुष्पेन्द्र कौशिक को देते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन व प्रेरणा से ही मुझे ये उपलब्धि प्राप्त हुई है l
