बाघल टुडे (ब्यूरो):- हिमाचल प्रदेश में चिट्टा, सिंथेटिक नशा और अन्य नशीले पदार्थों के तस्करों को जेल पहुंचाने के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाने की तैयारी है। इसमें पुलिस और इसके गुप्तचर विभाग सीआईडी आदि से सक्षम अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति होगी। बटालियनों से भी जवान लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस टास्क फोर्स को गठित करने से पहले गृह विभाग और पुलिस महकमे को विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। यह टास्क फोर्स हिमाचल प्रदेश में नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। यह टास्क फोर्स चिट्टा और अन्य तरह के नशे की तस्करी करने वाले लोगों के अड्डों पर नजर रखेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू इस टास्क फोर्स को गठित करने का एलान 17 मार्च को पेश किए जा रहे बजट में कर सकते हैं। हाल ही में नशाखोरी के खिलाफ हुई पुलिस की कार्यशाला में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। इसमें यह खुलासा हुआ है कि हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में नशा तस्करों ने सेंधमारी कर रखी है। प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को नशा तस्कर निशाने पर लिए हुए हैं। यह भी खुलासा हुआ है कि हिमाचल प्रदेश में जो नशा निवारण केंद्र निजी तौर पर चल रहे हैं, उनका काम भी संतोषजनक नहीं है। उनके इर्द-गिर्द ही नशा तस्कर सक्रिय हैं।
यही नहीं, नशा तस्करों का जाल हिमाचल प्रदेश में जेलों तक फैला हुआ है। इसमें एक राय यह भी सामने आई कि प्रदेश में सरकारी स्तर पर नशा निवारण केंद्र खोले जाने की जरूरत है और इस संबंध में एक विशेष कार्य बल को गठित करने की भी आवश्यकता है। इससे हिमाचल प्रदेश की युवा पीढ़ी खोखली हो रही है। इस संबंध में अगर सरकारी तौर पर प्रयास नहीं किए गए तो आने वाली पीढ़ियां भयानक संकट से गुजरेंगी।