बाघल टुडे (ब्यूरो):- पिछले दो दशक से प्रदेश के किसान ठगा सा महसूस कर रहे हैं। जिला सोलन का टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट आज तक अवतरित नहीं हो पाया है। जिस कारण किसानों में भारी निराशा व रोष है। सोलन के किसानों को टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट न होने से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है व राजनीतिक के अखाड़े में टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट भी महज एक लुभावना उपहार बन कर रह गया है। गौरतलब रहे कि सोलन में बड़े पैमाने पर टमाटर का उत्पादन होता है। यहां टमाटर जून में मंडी तक पहुंचना शुरू हो जाता है और बरसात के बाद तक इसका सीजन बरकरार रहता है। इसके अलावा नकदी फसलों में किसानों के लिए यह लाल सोना माना जाता है। जिला सोलन का वातावरण भी लाल सोना उगाने के लिए अनुकूल है। सोलन प्रदेश में टमाटर उत्पादन में नंबर एक पर है। करीब दो माह के टमाटर सीजन में अकेले सोलन जिला में प्रतिवर्ष 110-120 करोड़ रुपए का उत्पादन होता है। एक सर्वे के मुताबिक प्रदेश में जितना टमाटर का उत्पादन होता है, उसका 30 प्रतिशत से भी अधिक खराब हो जाता है।
इस श्रेणी के उत्पादक को किसानों द्वारा फेंकना पड़ता है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने आज तक किसानों की इस लंबित मांग को पूरा नहीं किया है। किसानों की मांग व जरूरत को देखते हुए बीते लोकसभा चुनाव के दौरान सोलन जिला में हुई चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राजनाथ सिंह भी सोलन में टमाटर बेस्ड यूनिट बनाने की घोषणा कर चुके हैं। इसके बाद अनेक मंच से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व वीरभद्र सिंह भी यूनिट लगाने की घोषणा कर चुके हैं। वहीं किसान विकास ठाकुर,देवेन्द्र शर्मा,अमर सिंह ने कहा कि सोलन में धरातल पर कोई कार्य नहीं हुआ है,वादे किए गए लेकिन सरकारें निभाना भूल गईं।