बैठक:- हर एमएलए को छह प्राथमिकताएं,एनुअल प्लान की जगह डिवेलपमेंट बजट फाइनल करेगी सरकार

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपना पहला बजट पेश करने से पहले 14वीं विधानसभा के सभी विधायकों से छह प्राथमिकताएं लेंगे। इसके लिए विधायक प्राथमिकता बैठकें बुधवार से शिमला में शुरू हो रही हैं, जो तीन दिन तक चलेंगी। इन्हीं बैठकों के दौरान राज्य सरकार एनुअल प्लान की जगह बनने वाले डिवेलपमेंट बजट को भी फाइनल करेगी। विधायक प्राथमिकता बैठकों के लिए तय शेड्यूल के अनुसार बुधवार दोपहर बाद दो से चार जिलों के विधायकों के साथ बैठक होगी। इसमें उना, हमीरपुर, कुल्लू और सिरमौर को शामिल किया गया है। अगले दिन दो फरवरी को कांगड़ा और किन्नौर जिलों की बैठकें सुबह के सत्र में, जबकि सोलन, बिलासपुर और मंडी जिलों के विधायकों की बैठक दोपहर बाद के सत्र में होगी। शुक्रवार तीन फरवरी को चंबा, शिमला और लाहुल-स्पीति जिलों के विधायकों के साथ मुख्यमंत्री सुबह के सत्र में बैठक करेंगे।
नई बात यह है कि विधायक प्राथमिकता के लिए हर एमएलए छह स्कीमें एक साल में सरकार को दे सकता है, जिन्हें बाद में नाबार्ड से फंड करवाया जाता है। भारत सरकार से मंजूरी मिलने के बावजूद इस बार भी विधायक रोप-वे प्रोजेक्ट विधायक प्राथमिकता में नहीं दे पाएंगे। पूर्व जयराम सरकार के दौरान इस बारे में फैसला लिया गया था और भारत सरकार से भी जनवरी, 2022 में इस बारे में अनुमति मिल चुकी है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से ही गाइडलाइन तैयार न होने के कारण इस तरह के प्रोजेक्ट अभी विधायक नहीं दे पाएंगे। यह बात अलग है कि नाबार्ड रोप-वे प्रोजेक्ट फंड करने के लिए तैयार है और मंडी जिला के बगलामुखी में 42 करोड़ की फंडिंग आरआईडीएफ से नाबार्ड पहले कर भी चुका है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस तरह की बैठक पहली बार ले रहे हैं। विधायक के तौर पर इस तरह की बैठकों में वह पहले शामिल होते रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के तौर पर सभी विधानसभा क्षेत्रों की प्राथमिकताओं को देखना उनके लिए पहली बार होगा। वर्तमान में नाबार्ड की फंडिंग से प्रति विधानसभा क्षेत्र की सीलिंग 150 करोड़ है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और पूर्व जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के चुनाव क्षेत्र सिराज और धर्मपुर इस सेलिंग में आ सकते हैं, क्योंकि यहां नाबार्ड से पहले ही 140 करोड से ज्यादा का खर्चा हो चुका है। कुछ और चुनाव क्षेत्र भी इस सीलिंग के दायरे में आ सकते हैं।
10 हजार करोड़ तक पहुंच सकता है बजट
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार अगले वित्त वर्ष के लिए डिवेलपमेंट बजट 10000 करोड़ के नजदीक पहुंचा सकती है। वर्तमान वित्त वर्ष 2022-23 के लिए यह राशि 9405 करोड़ थी। हिमाचल पहले वार्षिक योजना का आकार बनाता था, लेकिन प्लानिंग कमीशन के खत्म होने के बाद वर्ष 2017-18 से यह प्रक्रिया बंद है। इसलिए अब डिवेलपमेंट बजट के रूप में राशि रखी जाती है, जिसे राज्य के रिसोर्सेज के अनुसार बनाया जाता है। इसमें सामान्य तौर पर 10 से 15 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हर साल होती है और इस बार यदि यह बढ़ोतरी करीब 600 करोड़ की हुई, तो डिवेलपमेंट बजट 10 हजार करोड़ के आंकड़े को छू लेगा। यह भी हिमाचल में पहली बार होगा। पहाड़ी राज्यों में उत्तराखंड की वार्षिक योजना और विकास का बजट हिमाचल से दोगुने से भी ज्यादा है।

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