बाघल टुडे (ब्यूरो):- राजस्व विभाग में कई वर्षों से चली आ रही इंतकाल की दरों को संशोधित कर इनमें 25 से लेकर 50 फीसदी तक की वृद्धि की गई है। अभी तक विभिन्न श्रेणियों के इंतकाल के दाम एक रुपए से लेकर महज दो रुपए प्रति खाता थे, लेकिन प्रधान सचिव (राजस्व) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार अब विभिन्न श्रेणियों के इंतकाल की फीस न्यूनतम 50 रुपए से लेकर 500 रुपए तक कर दी है। विभिन्न श्रेणियों के इंतकाल की दरों में वृद्धि से राजस्व विभाग को अनुमानित 12 से लेकर 15 करोड़ रुपए सालाना राजस्व की प्राप्ति होगी जो कि पहले महज लाखों में ही थी। हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश लैंड रेवेन्यु एक्ट 1954 के सेक्शन 39 के सब-सेक्शन (1) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर अब विरासती इंतकाल से लेकर विभिन्न श्रेणियों के इंतकाल के नए दाम निर्धारित किए हैं। अब विरासत के इंतकाल के लिए 50 रुपए प्रति खाता फीस निर्धारित की गई है, जबकि इसे अधिकतम 200 रुपए रखा है। यानी अगर आपके जमीन के खाते चार से अधिक बी हैं तो भी आपको इंतकाल के लिए 200 रुपए फीस ही अदा करनी है।
इसी तरह अगर हुक्मी या खानगी तकसीम का इंतकाल दर्ज करना है तो भी प्रत्येक कुर्रा पचास रुपए और अधिकतम 500 रुपए फीस लगेगी। इसके अलावा हिब्बा व अन्य श्रेणियों में आने वाले इंतकाल की फीस भी पचास रुपए प्रति खाता और अधिकतम 200 रुपए होगी। यही नहीं बल्कि धारा 118 के अंर्तगत ली जाने वाली भूमि के इंतकाल की फीस भी अब पांच हजार रुपए से लेकर दस हजार रुपए अदा करनी होगी। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा कि विभिन्न श्रेणियों के इंतकाल की फीस नाममात्र थी और इन्हें संशोधित करना समय की मांग थी। इससे राजस्व विभाग की आय भी बढ़ेगी।