बाघल टुडे (अर्की):- खंड कार्यालय अर्की में बीएमओ अर्की डॉ ताराचंद की अध्यक्षता में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर विश्व कुष्ठ रोग दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दो मिनट का मौन रखा गया। डाक्टर तारा चंद ने बताया कि महात्मा गॉंधी कुष्ठ रोगियों की बहुत सेवा किया करते थे औऱ खुद अपने हाथों से खाना भी खिलाया करते थे। वे उनके बीच बैठ कर स्वयं खाना भी खाते थे। वे कुष्ठरोगियों के जख्मों को साफ करके मरहम पट्टी किया करते थे। डॉ ताराचंद ने कहा कि उस जमाने में समाज में ऐसे मरीजों से लोग बहुत घृणा करते थे। इस रोग को एक कलंक समझा जाता था। उन्होंने आगे कहा कि यद्यपि कि आज कुष्ठ के नये रोगियों की संख्या बहुत कम है लेकिन रोगियों के प्रति घृणा का भाव आज भी देखा जाता है। अतः इसे मिटाने के लिए जागरूक होने की आवश्यकता है। सरकार द्वारा इसी उदेश्य से विश्व कुष्ठ रोग दिवस हर वर्ष मनाया जाता है। यह बीमार अन्य बीमारियो की तरह ही एक बीमारी है जो किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में इसका कारगर तथा पूर्ण इलाज उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि यदि किसी के शरीर पर किसी भी प्रकार का दाग या धब्बा हो तो शीघ्र ही नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर दिखायें। इस अवसर पर नागरिक चिकित्सालय अर्की के चिकित्सा अधिकारियों डॉक्टर हितेन्द्र, लक्ष्मी चोपड़ा, कविता तथा शीफ़ा सहित वार्ड सिस्टर निशा , प्रीती, स्वास्थ्य शिक्षक चमन लाल, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक चमन लाल तथा अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी भाग लिया।