बाघल टुडे (अर्की):- समेकित बालविकास परियोजना अधिकारी अर्की के कार्यालय में सोमवार को खण्ड चिकित्सा अधिकारी के आदेशानुसार विश्व बहरापन जागरुकता पखवाड़ा के अन्तर्गत कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।जिसकी अध्यक्षता सीडीपीओ इन्दू शर्मा की अध्यक्षता में किया गया। स्वास्थ्य शिक्षक चमन लाल ने बहरापन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह एक असंक्रामक रोग है,जिससे विश्व की पांच प्रतिशत आबादी ग्रस्त है। भारत वर्ष में भी लगभग 50 लाख लोग श्रवण सम्बन्धी किसी न किसी समस्या से ग्रस्त है । उन्होने कहा कि लोग सुनने सम्बन्धी समस्याओं को नज़रअंदाज करते रहते हैं, जिससे समस्या गम्भीर रूप धारण कर लेती है व अन्त में सुनने की क्षमता समाप्त हो जाती हैं। अत: समय पर कानों की जांच करवाकर और उपचार लेने से बहरेपन पर नियन्त्रण किया जा सकता है। उन्होने बहरापन के कारणों पर चर्चा के दौरान बताया कि बहरापन के अनेक कारण है, जिनमें जन्मजात -बहरापन,चोट या आघात के कारण,कान में तेज आवाज अधिक देर तक सुनने, ध्वनि प्रदूषण में रहने, गर्भावस्था मे माँ को यौन सम्बन्धी संक्रमण, कान के संक्रमण,टीकाकरण समय पर न करवाने, खराब स्वच्छता व दवाइयों के सेवन आदि के कारण है । जिससे बचाव करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि बहरापन के कारण मनुष्य के जीवन पर क्या कुछ दुष्प्रभाव पड़ते हैं तथा इसका इलाज व अन्य स्वास्थ्य सेवाए कहाँ उपलब्ध रहेगी इसकी जानकारी दी गई । इस अवसर पर आंगनवाड़ी पर्यावेक्षिका कौशल्या तथा काउंसलर कुमारी काजल भी उपस्थित रही।