अर्की कॉलेज में महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की मनाई गई 136 वीं जयंती,गणित विभाग द्वारा करवाई गई विभिन्न प्रतियोगिताएं ।

बाघल टुडे (अर्की):- राजकीय महाविद्यालय अर्की में शुक्रवार को महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की 136 वीं जयंती के अवसर पर गणित विभाग द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। यह आयोजन गणित विभाग के सहायक आचार्य प्रोफेसर चमन पिस्टा तथा प्रोफेसर सुमन कुमारी के मार्गदर्शन में पूर्ण किया गया। जानकारी देते हुए एसोसिएट प्रोफेसर एवं मिडिया प्रभारी डॉक्टर राजन तनवर ने बताया कि इस अवसर पर गणित विभाग के विद्यार्थियों द्वारा पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन,मैथमेटिकल मॉडल, पोस्टर मेकिंग तथा क्विज कंपटीशन प्रतियोगिताएं आयोजित की गई गईं। पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता में भावना बीएससी तृतीय वर्ष ने प्रथम स्थान , शिवानी बीएससी तृतीय वर्ष ने द्वितीय स्थान तथा राकेश बीएससी द्वितीय वर्ष ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
मैथमेटिकल मौडल प्रतियोगिता में राहुल एवं विनय बीएससी तृतीय वर्ष ने प्रथम स्थान, भावना और शिवानी बीएससी तृतीय वर्ष ने द्वितीय स्थान, आकांक्षा और दीक्षा बीएससी तृतीय वर्ष ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। पोस्टर मेकिंग में भूपेश बीएससी प्रथम वर्ष ने प्रथम स्थान, अमन बीएससी प्रथम वर्ष में द्वितीय स्थान तथा कमल बीएससी द्वितीय वर्ष ने तृतीय स्थान प्राप्त किया । क्विज कंपटीशन में चंदन बीएससी तृतीय वर्ष ने प्रथम स्थान , भावना और मानसी ने द्वितीय स्थान भोपेश और हर्षित ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त एक लघु नाटिका भी प्रस्तुत की गई । इस लघु नाटिका के माध्यम से गणित के महत्व को बताया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न प्रोजेक्ट के माध्यम से गणित के महत्व को दर्शाया गया। गणित विभाग के सहायक आचार्य प्रोफेसर चमन पिस्टा ने कहा कि इस गंभीर विषय को रुचि के माध्यम से ही आसान बनाया जा सकता है। प्रोफेसर सुमन ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जो विद्यार्थी गणित को अपनाते हैं वह इस गंभीर विषय में भी मनोरंजन ढूंढ लेते हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय प्राचार्या प्रोफेसर सुनीता शर्मा ने कहा कि श्रीनिवास रामानुजन ने छोटी सी अवस्था में गणित के क्षेत्र में जो कार्य किया उनके कार्य से भारत का नाम संसार के मानचित्र पर विशेष स्थान बना पाया ।उन्होंने विद्यार्थीयों से कहा कि उन्हें गणित में रुचि पैदा करके इस विषय को नीरस से सरस बनाना होगा। तभी वे विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। भौतिक विज्ञान का महत्व गणित के माध्यम से ही अधिक बढ़ता है।

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