बाघल टुडे (अर्की):- ओपन हैंडस वैलफेयर सोसाईटी के बारह वर्ष पूर्ण होने पर बुधवार को संस्था के अध्यक्ष जगत गौतम शर्मा प़त्रकारों से रूबरू हुए। गौतम ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्था द्वारा अभी तक स्वास्थ्य के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश के किन्नौर, लाहुल स्पीति, चंबा,मंडी,कांगड़ा,कुल्लु,हमीरपुर तथा शिमला जिलों के दूरदराज के क्षेत्रों में लगभग पचास हजार लोगों को घर द्वार पर निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाई जा चुकी है । इसके अतिरिक्त संस्था ने पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र में भी सराहनीय कार्य किया है ।

संस्था के अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के युवाओं में बढ़ रहीं चिट्टे जैसी नशे की बीमारी को लेकर वह बहुत चिंतित है तथा अपनी संस्था के माध्यम से इस नशे पर प्रहार करने तथा युवाओं को इस भयानक राक्षस के चंगुल से छुड़ाने हेतू विस्तृत योजना तैयार की जा रहीे है । संस्था द्वारा प्रदेश के सभी क्षेत्रों में युवाओं को इस भयानक नशे के प्रति जागरूक किया जाएगा,ताकि जो युवा अभी इस नशे कीे चपेट में नहीं आए हैं वे इसके चंगुल में आने से बच सकें। इसके अतिरिक्त जो युवा इस नशे की चपेट में आ चुके हैं उन्हें इससे बाहर निकालने के लिए नशा निवारण केंद्र खोलने की योजना है। यदि आवश्यकता हुई तो इन केंद्रों के संचालन के लिए प्रदेश सरकार अथवा अन्य सहकारी क्षेत्रों से सहायता ली जाएगी।


उन्होने कहा कि ओपन हैंडस वैलफेयर सोसाईटी सड़कों पर बेसहारा घूम रही गऊओं को आश्रय देने के लिए भी कार्य कर रही है ।संस्था द्वारा संचालित अर्की की गोकुल धाम गौशाला आज तीस से अधिक बेसहारा गऊओं को आश्रय प्रदान कर रही है। संस्था के अध्यक्ष एवं गौशाला के संचालक जगत गौतम शर्मा ने यहां आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि नगर पंचायत अर्की द्वारा इस गौशाला का निर्माण लगभग बारह वर्ष पूर्व किया गया था परंतु इन वर्षाें में किसी भी संस्था या समूह ने इस गौशाला के संचालन में रूचि नहीं दिखाई । उन्होने कहा कि उनकी संस्था ओपन हैंडस वैलफेयर सोसाईटी ने नगर में घूम रही इन बेसहारा गऊओं को आश्रय देने का बीड़ा उठाया। हालांकि संस्था द्वारा स्वास्थ्य,शिक्षा, स्वच्छता,पर्यावरण संरक्षण तथा अन्य सामाजिक कार्याें में व्यस्तता के चलते इस कार्य में थोड़ी अड़चनें भी आई परंतु संस्था द्वारा इस पुनीत कार्य को करने का दृढ़ निश्चय इन बाधाओं को पार कर गया।


जगत गौतम ने कहा कि आज से दो वर्ष पूर्व संस्था ने इस कार्य को अपने हाथ में लिया था तथा केवल मात्र दो गऊओं को आश्रय देने से इस कार्य को आरंभ किया गया,लेकिन आज तीस से अधिक गऊऐं गौशाला की शोभा बढ़ा रहीं हैं। उन्होने कहा कि आज अर्की नगर में बहुत कम गाये सड़कों पर बेसहारा घूम रही हैं परंतु गोकुल धाम गौशाला में केवल मात्र तीस के लगभग गउओं की क्षमता के कारण इन गउओं को इस गौशाला में अभी रखना संभव नहीं है। संस्था द्वारा भविष्य में इन गउओं के अतिरिक्त घणाहट्टी से बिलासपुर तक सड़कों पर घूम रहे बेसहारा गौधन को आश्रय देने की योजना बनाई जा रहीे है।जिसके लिए अन्य स्थानों पर गौशाला बनाई जाने का विचार किया जा रहा है । इस अवसर पर संस्था के सचिव दीपक शर्मा, गौशाला के अतिरिक्त संचालक श्रीधर उपस्थित रहे ।

