बाघल टुडे (ब्यूरो):- 15 विधानसभा क्षेत्रों वाले कांगड़ा जिला में इस बार कड़े मुकाबले होने की उम्मीद लगाई जा रही है। करीब आधा दर्जन से अधिक सीटों पर कम अंतर से हार जीत होगी, ऐसा माना जा रहा है। मतदान के बाद अब जनता ने भी अपनी चर्चाओं में नेताओं को जिताने और हराने का काम शुरू कर दिया है। अलग-अलग गुना-भाग से कभी किसी नेता को जिता दिया जाता है, तो कभी हरा दिया जा रहा है। इससे उनके समर्थकों एवं परिजनों की चिताएं बढ़ रही हैं। कांगड़ा जिला में मुकाबले कड़े होने का मुख्य कारण यह भी माना जा रहा है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने इस बार संगठित तरीके से चुनाव लड़ा है। प्रत्याशी बड़े नेताओं की रैलियों का प्रभाव और उनके प्रयासों को आधार बना रहे हैं। जिला के मुख्य उपमंडलों पालमपुर, नूरपुर, देहरा और कांगड़ा सभी पर सबकी निगाहें टिकी हुई है। इसके अलावा कुछ सीटें अन्य कारणों से भी हॉट बन गई हैं। पालमपुर में भाजपा ने प्रदेश के महामंत्री त्रिलोक कपूर को प्रत्याशी बनाकर कांग्रेस प्रत्याशी व विधायक आशीष बुटेल के समक्ष अब तक की सबसे बड़ी चुनौती पेश कर चुनाव को रोचक बना दिया है। ऐसे में इस बार पालमपुर के निर्णय पर भी सबकी निगाहें टिक गई हैं और लोग यहां बड़ा फेरबदल देख रहे हैं। इसी उपमंडल के सुलाह से विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने भी जगदीश सिपहिया को मैदान में उतारा है, पर वहां पूर्व विधायक जगजीवन निर्दलीय उतरे हुए हैं। नूरपुर उपमंडल में नूरपुर से कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अजय महाजन के साथ रणवीर निक्का का चुनाव रोचक बना हुआ है।