बाघल टुडे (दाड़लाघाट):- दाड़लाघाट क्षेत्र के दुग्ध उत्पादकों द्वारा सरकार से दाड़लाघाट में दुग्ध अभिशीतन केंद्र खोलने की मांग की गई है,दुग्ध उत्पादकों का कहना है कि 10 से 15 वर्ष पूर्व सरकार ने दाड़लाघाट में स्थापित दुग्ध अभिशीतन केंद्र को किन्हीं कारणों से बन्द कर दिया था,जिस कारण यहां पर दुग्ध उत्पादकों को अपने उत्पादित दूध को शिमला और बिलासपुर बेचने जाना पड़ता है।जबकि सरकार इन से 80 व 100 रुपये दूध खरीदने जा रहीं हैं,जिसको लेकर दाड़लाघाट में एक दुग्ध अभिशीतन केंद्र खोलना जरूरी हो गया।यह बात पशु पालन विभाग से सेवानिवृत्त पशुपालन सहायक व हरिजन लीग अर्की के महासचिव व समाजसेवी संतराम पंवर ने कही।उन्होंने कहा कि यहां पर प्रदेश के बाहरी राज्यों से दूध विक्रेता आकर दूध का व्यापार कर रहें हैं।जबकि कार्यरत दुग्ध सहकारी सभाओं से लोग दूध का अदान प्रदान कर रहे है।पशु पालन विभाग से सेवानिवृत्त पशुपालन सहायक व हरिजन लीग अर्की के महासचिव व समाजसेवी संत राम पंवर ने बताया कि जब पशु पालन विभाग में कार्यरत थे उस समय यहां पर दूध का कारोबार ही सक्रिय रूप से चल रहा था,उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व मुख्य संसदीय सचिव व विधायक अर्की संजय अवस्थी से आग्रह किया है कि जल्द दाड़लाघाट में एक सर्वे करवाया जाए,ताकि दाड़लाघाट में पुनः दुग्ध अभिशीतन केन्द्र स्थापित किया जाए जिससे दुग्ध उत्पादक अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादन कर दुग्ध अभिशीतन केंद्र का लाभ उठा सकें।
समाचार में भाषा की अनेक अशुद्धियों के कारण सही अर्थ नही निकल पाता सुधार की अत्यंत आवश्यकता है