बाघल टुडे (ब्यूरो):- हिमाचल प्रदेश कहने को तो शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है, बावजूद इसके सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति किसी से छुपी नहीं है। प्रदेश में 18000 से ज्यादा स्कूल हैं। इनमें से 15000 से ज्यादा स्कूल सरकारी हैं, लेकिन हिमाचल के 5,113 प्राथमिक और 993 माध्यमिक विद्यालयों सहित कुल 6,106 सरकारी विद्यालयों में छात्रों की संख्या 20 से भी कम है। यही वजह है कि बिना बच्चों के 286 स्कूलों को बंद किया गया है, जबकि आने वाले वक्त में कम बच्चों वाले स्कूलों को भी बंद करने की तैयारी है, जिसको लेकर सरकार ने मापदंड तय कर लिए है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि पिछली जयराम ठाकुर सरकार ने चुनाव से पहले 314 शिक्षण संस्थान खोल दिए, जिन्हें डी-नोटिफाई किया गया है। इनमें भी 65 विद्यार्थियों वाले शिक्षण संस्थानों को बंद नहीं किया जाएगा, जबकि हिमाचल में 10 बच्चों वाले प्राथमिक स्कूलों, 40 विद्यार्थियों वाले हाई स्कूलों व 60 छात्रों वाले 10+2 के स्कूलों व कॉलेजों को बंद नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 3154 स्कूल ऐसे हैं, जहां मात्र एक शिक्षक है, जबकि 455 स्कूल ऐसे हैं जो डेपुटेशन के सहारे चल रहे है। ऐसे में आने वाले समय में शिक्षा व्यवस्था को सही तरीके से चलाने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।