बाघल टुडे (ब्यूरो):- मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य में बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सरकार ने कई प्रभावी कदम उठाए हैं। प्रदेश सरकार का पहला ही बजट हरित ऊर्जा राज्य पर केंद्रित बजट था। उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने स्क्रैप पॉलिसी तैयार की है। इससे सरकार के प्रयासों को ताकत मिलेगी। वाहन मालिकों को पर्यावरण अनुकूल पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रोत्साहन वाहन मालिकों को असंगठित स्क्रैप बाजार का लाभ लेने से रोकेंगे। इससे राज्य सरकार के हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने के राज्य सरकार के प्रयास शीघ्र फलीभूत होंगे।
पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा में नियमों के अंतर्गत खतरनाक सामग्रियों के उचित निपटारे को ध्यान में रखते हुए पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल में पर्यावरण-अनुकूल विकास को बढ़ावा दे रही है। हाल ही में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए महत्त्वाकांक्षी निर्णय के अंतर्गत वाहन मालिक मोटर वाहन कर की एकमुश्त छूट के साथ-साथ पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) में स्क्रैप किए जाने वाले पुराने वाहनों से संबंधित ब्याज और जुर्माने की एकमुश्त छूट के लिए पात्र होंगे। यह छूट एक वर्ष की समयावधि के लिए लागू होगी, जो वाहन मालिकों को मौजूदा नियमों के अनुरूप अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए पर्यावरण अनुकूल दृष्टि से जिम्मेदार विकल्प चुनने के लिए प्रेरित करेगी। इसके अतिरिक्त वैध सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट प्रस्तुत करने पर नए वाहन के पंजीकरण के लिए हिमाचल प्रदेश मोटर वाहन कराधान अधिनियम-1972 की धारा 14 के तहत देय कर पर गैर परिवहन वाहनों को 15 वर्ष तक 25 प्रतिशत और परिवहन वाहनों के मामले में आठ वर्ष तक 15 प्रतिशत रियायत देने का भी निर्णय लिया गया।
रिसाइकिल होंगे नकारा वाहन
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार का यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ वाहन उद्योग और संबंधित क्षेत्रों को बढ़ावा प्रदान करेगा। सरकार के इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण की दृष्टि से नाकारा वाहनों को रिसाइकिल करना है, इससे इन वाहनों को होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम किया जा सकेगा।