बाघल टुडे (ब्यूरो): नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में एक अलग तरह का आपातकाल लगा रखा है, जिसकी वजह से प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के राजधानी में स्थित आईजीएमसी कैंसर अस्पताल में महिलाओं को कैंसर की दवा नहीं मिल रही है।
लोग दवाओं के लिए भटक रहे हैं। इतनी खतरनाक बीमारी के इलाज को लेकर भी सरकार गंभीर नहीं है, जिस तरीके से 1975 के आपातकाल में पूर्व प्रधानमंत्री ने देशवासियों से उनके मौलिक अधिकार छीन लिए थे उसी तरीके से आज सुक्खू सरकार ने भी प्रदेश के कैंसर ग्रस्त मरीजों से भी उनके इलाज का हक छीन रही है।

जिन्होंने सरकार पर भरोसा करके हिमकेयर का बीमा करवाया था आज वह लाचार हैं क्योंकि सरकार ने उनके कार्ड ब्लॉक कर रखे हैं। सरकार का यह कृत्य अक्षम्य है। कैंसर की बीमारी में समय से इलाज न होने पर उसके क्या दुष्परिणाम होते हैं यह सरकार को समझना चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार घर तक दवा पहुंचाने की स्कीम लांच कर रही है, लेकिन जो अस्पताल में भर्ती है, गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।
कुर्सी बचाने को लगाई एमरजेंसी लोकतंत्र का काला अध्याय
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि 25 जनवरी, 1975 को देश में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा अपनी कुर्सी बचाने के लिए थोपी गई एमरजेंसी लोकतंत्र का काला अध्याय है। भारत के संविधान की हत्या है। दुनिया भर में किसी भी लोकतांत्रिक सरकार द्वारा अतीत में कभी भी ऐसा कदम
